ICDS समेकित बाल विकास योजना 2021
महत्वपूर्ण जानकारी ICDS Programme के बारे में
ICDS Full Form – Integrated Child Development Service है इस प्रोग्राम को हिंदी में समेकित बाल विकास योजना 2021 के नाम से जाना जाता है Icds Meaning देखा जाये तो इस का मतलब होता है एकीकृत बाल विकास सेवा भारत के प्रधान मंत्री द्वारा इस योजना कि शरुआत 2 अक्टूबर 1975 में की गई थी
Icds Definition में देखा जाये तो इस योजना कि शरुआत करने का मकसद ये था की स्कूल आने से पूर्व (1 वर्ष से 6 वर्ष के बच्चे )बच्चे और उनके माताओं को गर्वावस्था के दौरान जीवित रहने
और स्वास्थ्य के लिए पौष्टिक आहार के दर में वृद्धि करने के लिए शरू कि गई थी Icds Cas का मुख्य उद्देश्य ये था के बच्चो और उनके माताओं के गर्ववस्था के दौरान मिर्त्यु दर में हो रहे वृद्धि को कम करना था।
Definition Of ICDS
1 से 6 वर्ष के बच्चो को और गर्ववस्था के दौरान उनके माताओं को स्वास्थ्य सम्बंधित पौष्टिक आहार में सुधार लाना
ICDS के अंतर्गत बच्चो का पोषण तथा माँ के स्वास्थ्य सम्बंधित शिक्षा देने हेतु उनके अवेवस्था को अच्छे से पूर्ति करने पर ध्यान देना है और बाल विकास को बढ़ावा देना है
बच्चो की शारीरिक और मानसिक एवं सामाजिक तौर पर उनको हर संभव मदद करना है
समेकित बाल विकास सेवाएं
(1 ) Icds Anganwadi महिलाओं द्वारा गर्वती महिलाओं और धात्रिमताओं को पोषाहार तथा उनके सम्बंधित शिक्षा देना
( 2 ) समकित बल विकास योजना के तहत गर्वती महिलाओं को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा पोषाहार दिया जाता है जैसे दूध , तरह तरह के खाने के लिए पौष्टिक आहार , दवाई आदि दिया जाता है
(3 ) आंगनवाड़ी केंद्र दूर गर्वती माता एवं छोटे बच्चो को स्वास्थ्य सम्बंधित जाँच किया जाता है उसके बाद जरुरत अनुसार उनको मुफ्त में दवाइयाँ दी जाती है
( 4 ) 3 से 6 वर्ष के बच्चो को शालापूर्व शिक्षा प्रदान किया जाता है मतलब के बच्चो को कक्षा पहली में प्रवेश करने से पहले आंगवाड़ी केंद्र (शालापूर्व शिक्षा) में भेजा जाता है वहां पर खेलने कूदने से लेकर खाने पीने कि हर सुविधा मुहैया कराई जाती है उसी के दौरान बच्चों को बैठने का तरीके बात करने का तरीका क्लास में पढ़ने का तरीका ये साडी चीज़ों को वहां पर सिखाया जाता है
( 5 ) रोग निरोधक :- ICDS के तहत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा 6 प्रकार के बीमारयों से बचने के लिए टीका लगाया जाता है वो बीमारी कौन कौन सा है नीचे बताया गया यही
(१) पोलियो (२) खसरा (३) गलघोटू (४) खांसी (५) टेटनेस (६) तपेदिक
गर्वधारण करने वाले महिलाओं Tetanus Toxoids के २ इंजेक्शन लगाए जाते हैं।
(ICDS) समेकित बाल विकास योजना 2021
(ICDS) समेकित बाल विकास योजना 2021 में आपका स्वागत है आज में आपको (ICDS) जिसका पुरा नाम Integrated Child Development Service है इस लेख के माध्यम से ICDS के बारे में
पुरी डीटेल में जानकारी दी गयी है दोस्तों ये स्कीम बहुत ही महत्वपूर्ण स्कीम है ये स्कीम तो बहुत पुरानी है लेकिन अपने आप में खास है
अगर आप विज्ञान के छात्र या छात्राएँ हैं तो खास कर के आपलोगों को Integrated Child Development Service/(ICDS) समेकित बाल विकास योजना 2021 के बारे में जानना बहुत महत्वपूर्ण होगा
क्योंकि ICDS के उपर परिक्षा में प्रशन जरुर आता है तो चलिए हम सबसे पहले जानते हैं कि समेकित बाल विकास योजना क्या है? इसी तरह स्टेप बाइ स्टेप मिख्य जानकारी जानने की कोशिश करते हैं।
समेकित बाल विकास योजना क्या है?
सबसे पहले बताना चाहूँगा की ICDS मुख्य रुप से (Child Welfare Programe) बाल कल्याण कार्य है। समान्वित बाल विकास योजना 2 अक्टूबर 1975 में भारत सरकार द्वारा लागू किया गया था
समेकित बाल विकास योजना को लागू होने से पहले इसी प्रोग्राम के स्वरूप विभिन्न प्रकार का योजना बच्चों के लिए चालु कराया गया था लेकिन 1975 में भारत सरकार ने जब ICDS Integrated Child Development Service शुरू किया
तो जो विभिन्न प्रकार के प्रोग्राम चल रहे थे पहले से बच्चों के लिए सारे प्रोग्राम को ICDS के साथ संगठित कर दिया गया जैसे बच्चों के खाना, दवाइयाँ और शिक्षा इत्यादि
इन सारी चीज़ों को एक ही योजना के अंदर कर दिया ताक़ि बच्चों को और उनके माता को पालन पोषण अच्छे तरीक़े से हो सके इस लिए समेकित बाल विकास योजना 2021 बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है।
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना
समेकित बाल विकास योजना का उद्देश्य क्या है?
ICDS के 6 सेवाएं
- पुरकपोषण (Supplementary Food)
- टीकाकरण (Vaccination)
- नियमित रूप से बच्चे का जाँच (Referral Services)
- बच्चों का सही तरीक़े से बड़ा होना (Growth Monitoring)
- अनौपचारिक शिक्षा (Informal Education)
- महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधित शिक्षा देना ( Health Related Education)
1.पुरकपोषण (Supplementary Food) के तहत बच्चों को कौन सा गजा खाने पर उसके अंदर इम्युनिटी बढ़ेगी वह गजा देना रहता है और एक बात ध्यान रखने की ज़रूरत है कि हर राज्य का उसके खाने के हिसाब से बनाया जाता है।
2. टीकाकरण (Vaccination) जब महिला गर्भवती होती है तो उसका टिकाकरण किया जाता (TT1) क्योंकि वह एक नए बच्चे का जन्म होने वाला रहता है पहला टिका लगने के कुछ माह बाद दुसरा टिका माँ को लगाया जाता है
(TT2) जब बच्चे का जन्म हो जाता है उसके बाद विभिन्न प्रकार के बिमारी से बचने के लिए तीसरा टिका लगाया जाता है।
3. शिशुओं के टिकाकरण
4. नियमित रूप से बच्चे का जाँच (Refrral Services) नियमित रूप से बच्चों का जाँच समय समय पर किया जाता है अगर कोई छोटी मोटी बिमारी होती है
तो आंगनबाड़ी के दाइ दवाइ देकर स्वस्थ कर देते हैं अगर दुर्भाग्यवशह कुछ ज़्यादा गंभीर होती है तो आंगनबाड़ी के द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भेज देती है।
5. अनौपचारिक शिक्षा (Informal Education) अनौपचारिक शिक्षा मतलब ये है की 3 वर्ष से पाँच वर्ष के बच्चों के लिए अंगनबाड़ी में ही पढ़ाना होगा ताकि स्वास्थ्य संबंधित सारी बातें को जैसे बच्चे का खाना खेलना दाइ द्वारा ध्यान रखा जाता है।
(ICDS) समेकित बाल विकास योजना 2021
समेकित बाल विकास योजना एक एसा योजना है जिस लोग विभिन्न प्रकार के नाम से भी बोलते हैं जैसे समान्वित बाल विकास योजना, महिला बाल विकास इत्यादि
इस योजना के तहत सरकार चाहती है के जो बच्चे देश जन्म हो उसको जन्म से पहले से ही उसका टिकाकरण व पालन पोषण और स्वास्थ्य संबंधित सारी चीज़ों के साथ देश में जन्म लेने वाले बच्चों का विकास हो ताकि देश में बच्चा स्वास्थ्य और सुन्दर रहे।
आई सी डी एस के पात्र
ICDS के मैनेजमेंट/व्यवस्था कैसे होता है?
ICDS के व्यवस्था के बारे में जानने से पहले ये जानना जरुरी होगा की ICDS Bihar / उप और देश के हर राज्य में लागू किया जा उसके बाद पहले देश के प्रशासन के पद्धति जाननी जरुरी होगी
जैसे के हम सबको पता है हमारे देश में बहुत सारे अलग-अलग राज्य है और राज्य का निर्देशन केन्द्र सरकार करती है और हर राज्य में अलग जिला होते हैं ज़िला को भी खंडों में विभाजन किया हुआ है जैसे जिला के अंदर ब्लॉक होता है ब्लॉक में पंचायत इत्यादि होता है फिर गॉव होता है
इन सारी चीज़ों को दो लोगों मदद करते एक है महिला एंव बाल विकास अधिकारी ये गठन करता है ICDS को दुसरा होता है स्वास्थ्य विभाग वो भी ICDS को अपना योगदान देता है
सबसे पहले हम बात करेंगे खंड की एक लाख की अबादी वाली शहरी व ग्रामीण पर सरकार एक स्वास्थ्य केंद्र खोलने की अनुमति देती है और पैंतीस हज़ार आदिवासी के आबादी पर एक स्वास्थ्य केंद्र खोलने की अनुमति देती है।