Victim Compensation Scheme: पीड़ित व्यक्ति कैसे ले मुआवज़ा
आज का विषय इस आर्टिकल के माध्यम से Victim Compensation Scheme के बारे बताया गया है हमारे देश में जब भी कोई क्राईम होता है चाहे रेप का मामला हो एसीड अटैक का मामला हो या किसी अन्य प्रकार से किसी भी तरह का अगर क्राईम होता है तो मुजरिम के ख़िलाफ़ कोर्ट में ट्राइल चलता है ,
ट्राइल चलने के बाद जब मुजरिम साबित हो जाता है तो उस ज़ुल्म करने वाला मुजरिम को सजा सुनाया जाता है लेकिन किया मुजरिम को सजा मिल जाने से पिड़ित व्यक्ति जिन्होंने अपने शरिरिक तौर पर या माली या मानसिक तौर पर जो घाटा सहा है किया उनको संतुष्टि मिल जाती है या उनके सजा से पीड़ित की क्षतिपूर्ति हो जाती है,
दोस्तों बताना चाहूँगा की भारत में एक एसा क़ानून बना है उस कानुन को इस्तेमाल कर के पड़ित व्यक्ति Victim Compensation Scheme के तहत मुआवज़ा ले सकता है ये सारी डीटेल निचे दिये गये आर्टिकल के माध्यम से समझाया गया है।
What Is Victim Compensation Scheme
Compensation Scheme एक एसा स्कीम है जिस के तहत Victim Compensation Scheme Section 357 लागु होता है और इस CRPC के तहत भारत में पीड़ित व्यक्तियों को मुआवज़ा देने का प्रावधान रखा गया है Victim Compensation Act के बारे में भारत के सभी नागरिकों को जानकारी होना चाहिए,
क्योंकि क्राईम किसी भी व्यक्ति के साथ हो सकता और खास कर के छात्र छात्राओं को इस के बार जानकारी होनी ही चाहिए आज हम जानेंगे Victim Compensation Scheme In India act 357 के बारे Act 357 क्या कहता है नीचे के लेख से समझते हैं।
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अपराध पीड़ित प्रतिकर योजना 2021 : Victim Compensation Act 2021
Criminal procedure Court का ऐक्ट 357 ये कहता है की जब कोर्ट किसी मुजरिम को जुर्माने की सजा सुनाती है या कोई एसा केस जिस में जेल होने के साथ जुर्माना भी शामिल हो तो उसी के साथ अदालत ये आदेश दे सकता है कि जुर्माने की रकम से पिड़ित व्यक्ति को मुआवज़ा दिया जाए अगर एसा मुआवज़ा Civil Court में रिक्वरेबल है तो
और 357 act ये भी कहता है के मुजरिम के उपर जुर्माना भरने का सजा नहीं है तो इस स्थिति में कोर्ट अपराधी को ये आदेश दे सकता है की पीड़ित व्यक्ति को मुआवज़ा के तौर पर क्षतिपूर्ति करे ,
लेकिन ध्यान रहे की अगर यहाँ पर ऑर्डर Appeal-able है तो मुआवज़ा का रक़म तभी होता है जब अपील के लिए अनुमति दिया गया पीरियड लैब हो गया हो फिर भी Appeal prefer नहीं किया गया हो अगर अपील को सौंपा गया है तो अपील का समस्या का सामाधान हो गया हो
Victim Compensation Scheme CRPC का लिमिटेशन ये है कि मुआवज़ा ट्राइल के बाद ही एलान किया जाता है जब जुर्म करने वाला व्यक्ति अपराधी घोषित हो जाए
लेकिन अगर अपराधी आरोप से बड़ी हो जाए या उस अपराधी के पास इतना रक़म न हो के वो पिड़ित व्यक्ति को Compensation दे सके या कुछ केस में एसा होता है कि अपराधी साबित ही नहीं हो पा रहा होता है ,
या फिर ट्राइल ही न चले तो इस दौरान हालत को क़ाबू करने के लिए वर्ष 2009 में amendment act CRPC 357 A को लागु किया गया था जिसके अनुसार पीड़ित व्यक्ति को क्षतिपूर्ति करने कि ज़िम्मेदारी राज्य सरकार को दी गइ थी
सेक्शन 357A में ये भी कहा गया है की राज्य सरकार केन्द्र सरकार के साथ मिलकर एक समन्वय योजना तैयार करेगी जिस के तहत पीड़ितों के Victim Compensation Fund को Maintain कर के रखा जा सकेही
इतना ही नहीं गंभीर मामला में अगर कानुनी सेवा प्राधिकरण को ये लगता है की पीड़ित व्यक्ति को फ़ौरन मेडिकल सुभीता या मुआवज़े की जरुरत है तो SHO या मेडिकल सर्टिफिकेट पर बिल्कुल मुफ़्त मेडिकल सुभीता देने की अनुमति दिया जा सकता है।
Victim Compensation Fund In India
सेक्शन 357 A के तहत राज्यों ने अपने Victim Compensation Scheme बनाई लेकिन उस में काफी मतभेद होने के कारण और राशि कम होने कारण वर्ष 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने लक्ष्मी व यूनियन ऑफ इंडिया के केस में इस बात को लेकर नाराज़गी का इज़हार किया
लेकिन वर्ष 2015 में केन्द्र सरकार ने सेंट्रल विक्टिम कंपनसेशन योजना बनाइ जिस के तहत पीड़ित व्यक्तियों को उसके क्षति को देखते हुए मुआवज़ा का रक़म फ़िक्स किया गया था इसकी डीटेल नीचे के लेख में बताया गया है
यौन शोषण |
(धारा 376 IPC ) के तहत 3 लाख रुपये का मुआवज़ा |
एसीड अटैक |
3 लाख रुपये |
नाबालिग के साथ शरीरिक शोषण |
2 लाख रुपये |
मानव तस्करी |
1 लाख रुपये |
Death |
2 लाख रुपये |
स्थायी तौर पर विकलांगता होने पर |
2 लाख |
प्रजनन क्षमता का क्षति होने पर |
1.5 लाख रुपये |
Victim Compensation Scheme
PDF
Compensation Yojana के बारे और महत्वपूर्ण जानकारी डीटेल में लेना चाहते हैं को भारत सरकार के ऑफिसियल वेबसाइट पर जाकर Victim Compensation Scheme under crpc pdf फ़ाईल डाउनलोड कर सकते हैं।
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विक्टिम Compensation Scheme Section
इस लेख के माध्यम से ये भी जानकारी दी गई है की Victim Compensation Scheme Section 357, 357A, 357B, और 357C Victims को Compensation के लिए किया कहता है
सेक्शन 357 में Judgement द्वारा दिया गया है सेक्शन 357 के तहत अगर कोर्ट चाहे तो जितना भी राशि जुर्माना के तौर पर लागू किया गया है अपराधियों के उपर वो सारा का सारा पीड़ित को मुआवज़ा के रुप में दिलाने का ऑर्डर कर सकता है या फिर इस जुर्माना के हिस्सा में से कुछ राशि पीड़ित को देने की अनुमति दे सकता है इतना ही नहीं Victim को ये भी हक है के वो Civil court में जाकर Compensation के लिए अप्लाई कर सकते हैं
अब हम बात करते हैं सेक्शन 357 A जो लागू किया गया 2009 में 357A ये बताता है की पीड़ित को क्षतिपूर्ति किया जाए और ये क्षतिपूर्ति केवल दो लोगों को ही देने का प्रावधान रखा गया है पहला वो जो पीड़ित हो चुके हैं दुसरा वो जो उनके डिपेंडेन्ट हैं उनको ओर से क्षतिपूर्ति इस लिए दिया जाता है कि विक्टिम को किसी भी तरह का नुक़सान या स्वास्थ्य सेवा में कोइ समस्या न हो ,
अब हम बात करेंगे सेक्शन 357B की 357B ये कहता है की जो भी Amendment 357 A देगी और साथ ही सेक्शन 325A और 376D में जो IPC धारा लगाया गया है उस अंतर्गत जो Compensation है पीड़ित व्यक्ति को उन सभी सेक्शन द्वारा Compensation दिया जाएगा।
सुचना
Victim Compensation Scheme के बारे और मुख्य जानकारी लेने के लिए भारत सरकार के ऑफिसियल वेबसाइट पर जा कर पुरी डीटेल में जानकारी हासिल कर सकते हैं।
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